Thursday, 7 March 2019

पत्र-लेखन -buntyyadavduke

पत्र-लेखन विचारों, भावों, संदेशों एवं सूचनाओं के संप्रेषण के लिए पत्र सहज, सरल तथा पारंपरिक माध्यम है। पत्र अनेक प्रकार के हो सकते हैं, पर प्राय: परीक्षाओं में शिकायती-पत्र, आवेदन-पत्र तथा संपादक के नाम पत्र पूछे जाते हैं। इन पत्रों को लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए: ·     पत्र के स्वरूप (फ़ॉर्मेट) का ध्यान रखें । ·     पत्र-  प्रेषक, दिनांक, प्रेषती, विषय, संबोधन, विषय-सामग्री, समापन, स्व-निर्देश व हस्ताक्षर के क्रम में लिखा जाना चाहिए। ·     भाषा शुद्ध, सरल, स्पष्ट, विषयानुरूप तथा प्रभावकारी होनी चाहिए। अभ्यासार्थ प्रश्न:- १.किसी दैनिक समाचार-पत्र के सम्पादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें वृक्षों की कटाई रोकने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया हो। २. हिंसा-प्रधान फ़िल्मों को देख कर बालवर्ग पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का वर्णन करते हुए किसी दैनिक पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए। ३. अनियमित डाक वितरण की शिकायत करते हुए पोस्टमास्टर को पत्र लिखिए। ४. लिपिक पद हेतु विद्यिलय के प्राचार्य को आवेदन-पत्र लिखिए। ५. अपने क्षेत्र में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए अधिशासी अभियन्ता विद्युत बोर्ड को पत्र लिखिए। @buntyyadav duke

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