Wednesday, 29 April 2020

#DUKE #BREAKING_NEWS बॉलीबुड अभिनेता ऋषि कपूर का मुम्बई के अस्पताल में निधन हुआ #DUKENEWS

#BREAKING_NEWS
बॉलीबुड अभिनेता ऋषि कपूर का मुम्बई अस्पताल में निधन हुआ
              Pic Credit By Social Media 
मुम्बई:
बॉलीबुड से एक के बाद एक दुःखत खबरें सामने आ रहीं हैं।
बीते दिन ही बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का मुम्बई के लीलाबेन अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ था। 
आज फिर बॉलीवुड से एक ओर ऋषि कपूर के फ़ॉलोअर्स के लिए खबर सामने आई है। कैंसर की बीमारी से पीड़ित बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर का निधन मुम्बई के हॉस्पिटल में हुआ।

सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए इरफान खान, दोनो बेटों बाबिल और अयान सहित बॉलीवुड के ये कलाकार भी रहे मौजूद

सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए इरफान खान, दोनो बेटों बाबिल और अयान सहित बॉलीवुड के ये कलाकार भी रहे मौजूद #DUKENEWS
              इरफान खान - फ़ोटो : सोशल मीडिया
मुम्बई: 
बॉलीवुड इंडस्ट्री के जानेमाने कलाकार इरफान खान का निधन जो गया। मुम्बई के कोकिलाबेन अस्पताल में इरफ़ान ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
मुंबई के वर्सोवा इस्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।
लॉकडाउन के कारण लोगों का इकट्ठा होना माना है ऐंसे में अंतिम यात्रा के दौरान इरफान खान के परिवार के सअदस्य ही मौजूद रहे।
चार दिन पहले ही उनकी माँ का जयपुर में 95 साल की उम्र में निधन हो गया था लॉकडाउन के बजह से इरफान खान अंतिम दर्शन वीडियो कॉलिंग के जरिये ही कर पाए थे।
कपिल शर्मा और मीका सिंह मौजूद रहे। वहीं मीडिया रिपोर्ट की माने तो उनके परिवार से दोनों बेटे बाबिल और अयान सहित पांच लोग ही कब्रिस्तान में जा सके।
वहीं बॉलीबुड से निर्देशक विशाल भारद्वाज, कॉमेडियन कपिल शर्मा, गायक मीका सिंह, तिग्मांशु धूलिया भी इरफान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। 
इरफान खान मुम्बई में जिस बिल्डिंग में रहते थे उसी बिल्डिंग में कपिल शर्मा और मीका सिंह भी रहते हैं। 
तिग्मांशु और विशाल इरफान खान के अच्छे दोस्त हैं।
लॉकडाउन का उल्लंघन ना हो इस लिए प्रशासन ने उनके मकान के अलावा कब्रिस्तान को भी अपनी सुरक्षा के घेरे में ले लिया है। 
बता दें इरफान खान के सोशल मीडिया पर लाखों की तादाद में फॉलोअर्स हैं।
              इरफान खान - फ़ोटो : @irrfan

ट्वीटर पर उनके 2.2 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। उनका अंतिम ट्वीट 12 अप्रैल का है जिसमें उन्होंने अपनी फ़िल्म "इंग्लिश मीडियम" का फोटो अपलोड किया है। सोशल मीडिया पर इरफान खान के एक फैन ने उनका फ़ोटो शेयर कर लिखा " ये साल 2020 कब खत्म होगा इसने इतना दुख दिया है की मैं बयां नही कर सकता"


Tuesday, 28 April 2020

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन में हमें अपने घर जाने के लिए ऐसी व्यवस्था शासन करेगी कभी सपने में नही सोचा था।

कोरोना वायरस से बचने के लिए विदिशा जिले की ग्राम पंचायत तिलोनी में सरपंच प्रतिनिधि द्वारा मास्क पहनाकर लोगों को जागरूक किया। #COVID19INDIA #DUKENEWS
कोरोना देश में लाइव/ मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन में हमें अपने घर जाने के लिए ऐसी व्यवस्था शासन करेगी, कभी सपने में नही सोचा था

विदिशा:
     घर जा रहे मज़दूरों को मास्क देता हुआ अधिकारी

1. उक्त बस राजस्थान राज्य की सीमा वार्डर पर पहुंचकर इन मजदूरो को बस से उतारेगी
2. सभी मजदूर वर्तमान में मानौरा में स्थित भगवानी जगदीश स्वामी जी के मंदिर के मुख्य द्वार पर नक्काशी का कार्य कर रहे थे
बस को बकायदा पूरा सेनेटाइजेशन कर उसमें राजस्थान के सवाई माधौपुर जाने वाले मजदूरो को बैठने से पहले सभी को मास्क पहनवाए गए, खाने के पैकेट प्रदाय करते हुए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। हाथो की सफाई हेतु सेनेटाइजर की बॉटल बस के अन्दर रखवाई गई है यह सब अपनी आंखो के सामने होता देखकर सवाई माधौपुर के मजदूरो का कहना है कि लॉकडाउन में हमें अपने घर जाने के लिए ऐसी व्यवस्था शासन करेंगी कभी सपने में नही सोचा था। दोनो हाथ जोड़कर राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित करने में पीछे नही रहें। 
ज्ञातव्य हो कि राजस्थान के सवाई माधौपुर जिले के नौ श्रमिक जो पाषाण और लोहे पर कलाकृति उकरने में मास्टर है इनके हुनर को देखते हुए विदिशा जिले के अनेक मंदिरो के दरवाजो पर नक्काशी का काम इनके द्वारा पूरा किया गया है ये सभी मजदूर वर्तमान में मानौरा में स्थित भगवानी जगदीश स्वामी जी के मंदिर के मुख्य द्वार पर नक्काशी का कार्य कर रहे थे जो पूरा हो जाने के बाद अब फ्री थे और ऐसे समय अब घर की चिंताएं सता रही थी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, लोगों को दूर-डोर बैठाया

राज्य सरकार के निर्णय अनुसार विदिशा जिले में अन्य राज्यों के श्रमिक जो लॉकडाउन अवधि में रह गए है और वे अपने-अपने घर जाना चाहते है के लिए वाहनो, खाना, स्वास्थ्य परीक्षण इत्यादि बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित कराई गई है। 
विदिशा के विवेकानंद चौराहे पर रवाना होने  वाली बसो में सवार होने वाले श्रमिको से नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने भी सौजन्य भेंट कर उन्हें स्वल्पाहार व मास्क अपने हाथो से प्रदाय किए। इससे पहले उनके निर्देशो पर नगरपालिका के अमले द्वारा दोनो बसों का सेनेटाइजेशन किया गया। तदोपरांत सभी नौ श्रमिकों को बस में एक सीट छोड़कर बैठने के प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। ज्ञातव्य हो कि उक्त बस राजस्थान राज्य की सीमा वार्डर पर पहुंचकर इन मजदूरो को बस से उतारेगी तथा विदिशा जिले आने वाली मजदूरो को बस में बिठाकर विदिशा लाएंगी।

Saturday, 18 April 2020

इक्कीसवीं सदी के इस भारत में आज भी गांव के लोग... #COVID19INDIA ARTICLE BY- DUKE

इक्कीसवीं सदी के इस भारत में आज भी गांव के लोग... #COVID19INDIA

ARTICLE BY- DUKE
18 April 2020

मध्यप्रदेश/विदिशा

इक्कीसवीं सदी के भारत में आज भी गांव के लोग... 

#COVID19INDIAजैसा कि हम सुनते आए हैं हमारे बड़े, बूढ़ों से और आज हमने कोरोना वायरस बीमारी के दौरान जो सुना वी देख भी लिया, और इस कोरोना जैसी महामारी पहले भी आ चुकी है, लोग कहते हैं हैं ज़्यादा बर्ष अभी बीती नही बीते 60 साल के आसपास इसी तरह की घटना मानव जगत में हुई थी और यह रिकॉर्ड भी बताता है ,जैसे किताबें, न्यूज़ पेपर्स, एजेंसी, वेबसाइट आदि वो भी 1918 के आसपास में हुई कोरोना जैसी घटना बताते हैं और उस दौरान लोगों को सिर्फ उल्टी और दस्त होते थे उसमे कोई उम्र मायने नही रखती थी उसमें बच्चे, जवान, बुज़ुर्ग सभी आ जाते थे। इस महामारी के समय लोगों में शिक्षा आभाव कम था जिसके बजह से लोगों का ईश्वर के प्रति ज़्यादा आस्था थी। और लोग आयुर्वेदिक दवाओं का स्तेमाल ज़्यादा करते थे। जिससे वो अपने आप को सुरक्षित भी रख पाते थे, मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के कौलावे निवासी मोहन यादव (गुड्डा) बताते हैं, आज के दौर में कोरोना बीमारी फैली हैंएर हमने जो देखा उसका नाम तो पता नही है, हमारे पिताजी, दादा, कक्का, बात करते थे और वो म्हरई (महामारी) नाम की बीमारी का कहा करते थे उस समय (#एक_उल्टी_एक_दस्त) आते थे उसमें ही लोगों की जान चली जाती थी, लोगों के पास पर्याप्त सुविधा ना होने के कारण वो कुओं, बावड़ियों में उन लाशों को दफनाते थे। ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की ग्राम पंचायत तिलोनी गड़ी मंदिर के पुजारी पहलवान सिंह यादव बताते हैं, वो कहते हैं " हां महामारी के कंकाल तो हमने भी देख लिए हैं, इस मंदिर (ठाकुर बाबा गड़ी) को बनाने के लिए हमने जब इस नींव को खुदवाया था तब इस नींव में मानव शरीर का एक घुटने से पंजे तक का कंकाल मिला जिसके बाद हम असमंजस की स्तिथि में फस गए , अब हमें समझ नही आ रहा था आखिर ये सब क्या और कैसे हुआ होगा। हालांकि हमने देवताओं से इस बारे में पूछा तो उन्होंने नींव को बंद कर दूसरे स्थान पर मंदिर बनाने को कहा जिसके बाद आज वो मंदिर देख पा रहे हैं।

इस बीच मैंने ओर जानने की कोशिश की आज इक्कीसवीं सदी के भारत में आज भी कई गांव-दिहात ऐसे मिले जहां आज भी लोग पुरानी परंपरा पर ज़्यादा विश्वास रखतर हैं शायद वो इससे अपने आप को सुरक्षित भी रख पाते हैं,  और ये सब हमने इस भारत में हुए 21 दिन के लॉक डाउन और फिर 2.0 के लॉक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से (दिया ताली,थाली,शंक,) बजाने की अपील की इस दौरान विपक्ष सहित कई लोगों ने मज़ाक वाले मीमस, जोक्स के साथ-साथ कई गंभीर आरोप भी लगाए।
विपक्ष ने कहा लोग कोरोना से कम भूख से ज़्यादा मर जायेंगे, प्रधानमंत्री ताली, थाली, दिए से काम चलने वाला नही है। लोग बेरोजगारी के मारे सड़को पर आ गए हैं बिना कोई प्लान के लॉक डाउन के कारण लोग जहां थे वहीं रह गए हैं। आज लाखों के संख्या में दिहाड़ी मज़दूर मुम्बई, दिल्ली, नोएडा छोड़ भूख प्यास के मारे यहां से घर जाने को कह रहे हैं और ऐसे में हज़ारों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। उन्हें घर जाने की व्यवस्था भी आपकी सरकार कर नही पा रही है।
इधर मोदी सरकार के प्रवक्ताओं का कहना है, ऐंसे संकट के समय जब हमें इस कोरोना जैसी महामारी को हराना है, तब भी इन्हें राजनीति दिखाई दे रही है।
खेर ये तो रही राजनीति है। आखिर अब भी लोग देवताओं के दरवार में पंडितों को खिलाकर, पूजा, पाठ, उपवास कर इस महामारी को भगाने के प्रयास में लगे हैं।

कहते हैं ना "मानो तो भगवान हैं, न मानो तो पत्थर हैं।"
जो मैंने कभी सुना था ऐसा लोग करते थे वो आज आखों देखे देखने को मिल रहा है। गांव के लोग इस डॉक डाउन के दौरान भी पब्लिक प्लेस में भी भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। हवन, कन्या भोज, भंडारा, आदि करने में व्यस्त हैं। वहीं इधर महिलाएं जल ढहारने (जल चढ़ाने) जा रहीं हैं। यहाँ भी जिस सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए की प्रधानमंत्री सहित शाषन, प्रशासन सहित कइयों बार अपील कर चुके हैं इस महामारी को बनाये रखना है तो लोगों से दूरी बनाए रखें, पब्लिक प्लेस में ना जाएं घरों में ही रहें ।
सरकार की एक न सुन ईश्वर में आस्था रखते हुए, लोक लॉक डाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली की निज़ामुद्दीन मरकज का सामने आया था। जहां पर जमातियों  ने लॉक डायन का पालन न कर लोगों ने कोरोना वायरस फहला दिया था ? ऐसा कई मीडिया रिपोर्ट्स में छपा और बताया भी था।
जिस समय कोरोना का संकट इस दुनिया पर छाया हुया है। के वो समय है जब 1.किसान फसलों 2.मज़दूर कटाई 3.
व्यापारी धंधे 4.बच्चे परीक्षाओं में व्यस्त होते हैं।
फिर भी लोग (जान है तो जहान है) वाले कॉन्सेप्ट पर चल रहे हैं। लोग घरों में कैद हैं।

चीन के बुहान शहर से फैली यह महामारी भारत सहित दुनिया के तामम देशों में अपनी जड़ें जमा चुका है भारत में भी अब तक 28 राज्यों सहित केंद्र शाषित प्रदेशों में यह महामारी पैर पसार चुकी है।
चीन के बाद इटली, फ्रांस सहित अमेरिका जैसे विकसित देशों में इस Covid19 से चौबीस घण्टो में दस-दस हज़ारों मौतों का आंकड़ा पार कर चुका है।
अब भारत में लोग इस महामारी से अपने आप को कैसे सुरक्षित रख पाते हैं, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार या फिर प्राचीन काल से चली आ रहीं परम्पराओं के अनुसार। @THEDUKENEWS


Friday, 10 April 2020

कोरोना वायरस से बचने के लिए विदिशा जिले की ग्राम पंचायत तिलोनी में मास्क पहनाकर लोगों को जागरूक किया। #COVID19INDIA #DUKENEWS

कोरोना वायरस से बचने के लिए विदिशा जिले की ग्राम पंचायत तिलोनी में सरपंच प्रतिनिधि द्वारा मास्क पहनाकर लोगों को जागरूक किया। #COVID19INDIA #DUKENEWS मध्यप्रदेश-
कोरोना वायरस दुनियाभर के 80 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. 97, 000 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. वहीं 3200 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो चुकी है. भारत भी कोरोना वायरस से अछूता नहीं रहा. इससे बचाव के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों की तरफ से कई एडवाइजरी जारी हो रही हैं. मोदी सरकार के इस 21 दिन के इस लॉकडाउन में शहरों से लेकर गांव में तक घरों में कैद हैं। ऐसे में लोग खुद भी काफी जिम्मेदारी से काम ले रहे हैं.सैनिटाइजर और मास्क वगैरह की बिक्री भी ऐसे में बढ़ गई है. बहरहाल इस सबके बाद भी लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तरों पर कई प्रकार की पाबंदियां लगाई गई हैं, दरअसल विदिशा जिले की ग्राम पंचायत तिलोनी में भी सरपंच चरण सिंह यादव के तत्वावधान में सरपंच प्रतिनिधि https://www.facebook.com/yashpal.yadav.560 (यशपाल यादव) ने गांव के लोगों को करना वायरस दे बच बचाव हेतु, मास्क वितरित कर जागरूक रहने कि सलाह दी।